नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है
शारदीय नवरात्र की चतुर्थी तिथि पर देवी के कूष्मांडा स्वरूप का दर्शन-पूजन करने का विधान है। शास्त्रत्तें के अनुसार अपनी मंद मुस्कान से पिंड से ब्रह्मांड तक का सृजन देवी ने इसी स्वरूप में किया था। कूष्मांडा स्वरूप के दर्शन पूजन से न सिर्फ रोग-शोक दूर होता है अपितु यश, बल और धन में भी वृद्धि होती है। काशी में देवी के प्रकट होने की कथा राजा सुबाहु से जुड़ी है। देवी कुष्मांडा का मंदिर दुर्गाकुंड क्षेत्र में स्थित है। इन्हें दुर्गाकुंड वाली दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है।
maa kushmanda aarti lyrics in hindi
|| कुष्मांडा माता की आरती ||
कूष्मांडा जय जग सुखदानी |
मुझ पर दया करो महारानी ||
पिगंला ज्वालामुखी निराली |
शाकंबरी माँ भोली भाली ||
लाखों नाम निराले तेरे |
भक्त कई मतवाले तेरे ||
भीमा पर्वत पर है डेरा |
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा ||
सबकी सुनती हो जगदंबे |
सुख पहुँचाती हो माँ अंबे ||
तेरे दर्शन का मैं प्यासा |
पूर्ण कर दो मेरी आशा ||
माँ के मन में ममता भारी |
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी ||
तेरे दर पर किया है डेरा |
दूर करो माँ संकट मेरा ||
मेरे कारज पूरे कर दो |
मेरे तुम भंडारे भर दो ||
तेरा दास तुझे ही ध्याए |
भक्त तेरे दर शीश झुकाए ||
maa kushmanda aarti lyrics
Kushmanda Jai Jag Sukhdani.
Mujh Par Daya Karo Maharani.
Pingala Jwalamukhi Nirali.
Shakambari Maa Bholi Bhali.
Lakho Naam Nirale Tere.
Bhakt Kai Matwale Tere.
Bhima Parwat Par Hai Dera.
Swikaro Pranam Ye Mera.
Sabki Sunti Ho Jagdambe.
Sukh Pahunchati Ho Maa Ambe.
Tere Darshan Ka Main Pyasa.
Purn Kar Do Meri Aasha.
Maa Ke Man Me Mamta Bhari.
Kyon Na Sunegi Araj Hamari.
Tere Dar Par Kiya Hai Dera.
Dur Karo Maa Sankat Mera.
Mere Karaj Pure Kar Do.
Mere Tum Bhandare Bhar Do.
Tera Daas Tujhe Hi Dhyaaye.
Bhakt Tere Dar Shish Jhukaaye.
maa kushmanda aarti
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