इस साल सोने की कीमत में रेकॉर्ड तेजी आई है। इन्वेस्टमेंट के सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण बरकरार है। चार दिसंबर को यह 64,063 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रेकॉर्ड पर पहुंच गया था। जानिए अगले साल कैसी रहेगी सोने की चाल…
2024 में सोना सस्ता होगा या महंगा
नई दिल्ली: हाल में सोने की कीमत में काफी तेजी आई है और जानकारों का कहना है कि पीली धातु की चमक नए साल 2024 में भी बनी रहेगी। अगले साल सोना 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये की स्थिरता, भूराजनीतिक अनिश्चितता और धीमी वैश्विक आर्थिक वृद्धि के कारण नए साल में भी सोने का आकर्षण कायम रहेगा। फिलहाल जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स में सोना 63,060 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 2,058 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के आसपास है। वहीं रुपया इस समय 83 प्रति डॉलर के पार पहुंच चुका है।
दिसंबर की शुरुआत में वैश्विक तनाव की वजह से पश्चिम एशिया में सोने के दाम एक बार फिर चढ़ गए। उभरते बाजार के कारोबारियों का अनुमान है कि ब्याज दर में बढ़ोतरी का चक्र कमोबेश समाप्त हो चुका है। हालांकि, इस साल सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव रहा। घरेलू बाजार में चार मई को पीली धातु का भाव 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक नए उच्चस्तर पर पहुंच गया। वैश्विक बाजारों में यह 2,083 डॉलर प्रति औंस की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। बाद में 16 नवंबर को सोना 61,914 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया।
कहां तक जाएगी कीमत
कॉमट्रेंड्ज रिसर्च के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा, ‘निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण बरकरार है। यही वजह है कि इस साल चार दिसंबर को सोने का भाव 64,063 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। वैश्विक बाजार में यह 2,140 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।’ त्यागराजन ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि 2024 में अंतत: यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,400 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच जाएगा। वहीं घरेलू बाजार में सोना 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि चुनावी साल में रुपया कमजोर हो सकता है। इससे घरेलू स्तर पर सोने के दाम बढ़ेंगे।
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और जिंस शोध के प्रमुख रविंद्र राव ने कहा कि खुदरा आभूषण खरीदारी को भारत और चीन में उच्च घरेलू कीमतों से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि मौजूदा रफ्तार जारी रहती है, तो केंद्रीय बैंकों की मांग पिछले साल के रिकॉर्ड से अधिक हो सकती है। राव ने कहा कि सोने का दाम भले ही कुछ समय तक ऊंचा बना रहे, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल, धीमी वैश्विक वृद्धि और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से पीली धातु का आकर्षण बना रहेगा।
सोने की डिमांड
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से बिक्री पर असर पड़ा है और 30-35 लाख शादियों के बावजूद इस साल पीली धातु का कारोबार कमोबेश 2022 जैसा ही रहेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरें घटाने और भूराजनीतिक तनाव जारी रहने, कमजोर रुपये से सोने को समर्थन मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 2,250-2,300 डॉलर प्रति औंस पर जा सकता है। घरेलू बाजार में यह 68,000-70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा सकता है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि विभिन्न कारकों से वर्ष के दौरान सोने की कीमतें वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इससे महंगाई के खिलाफ ‘हेजिंग’ के लिए सोने की भूमिका बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सितंबर तिमाही में सोने की कीमत पिछले साल से 12 प्रतिशत कम रही। वर्ष 2023 में सोने की मांग पिछले साल से थोड़ी कम 700-750 टन रहेगी। हालांकि, सोने में निवेश का मूल्य कुछ ऊंचा रहेगा। जेम ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा कि महत्वपूर्ण बाजारों में मांग घटने की वजह से निर्यातकों के लिए यह साल काफी कठिन रहा। ‘हालांकि, अब स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। हमें उम्मीद है कि 2024 में चीजें सुधरेंगी।’